Saturday, September 11, 2010

पवित्र मौके पर पाक परस्तों का पाप

गणेश चतुर्थी और ईद के सुखद संयोग को हुर्रियत के नाग इस तरह अपवित्र करेंगे किसी ने कल्पना नहीं की थी। कश्मीर में सरकार ने ईद की खुशियां मनाने के लिए कफ्र्यू हटाया था, लेकिन वहां दुआ करने के बजाए लोगों ने उपद्रव किया। नामज अदा करने के जमकर उपद्रव किया, भारत विरोधी नारे लगाए, तिरंगे को आग लगाई। सुरक्षा बलों को सख्त निर्देश थे कि लोगों को खुशी-खुशी ईद मनाने दी जाए, कुछ भी हो जाएग कहीं कफ्यू नहीं लगेगा, कहीं कोई पाबंदी नहीं होगी, कोई गाली नहीं चलाएगा। क्या मजाक है, गद्दारों से मोहब्बत किस लिए दिखाई जा रही है समझ नहीं आता।क्या केंद्र ने उन पाकिस्तान परस्तों का ठेका ले रखा है जो जिस थाली में खा रहे हैं उसी थाली में छेद कर रहे हैं। जब देशवासियों की गाढ़ी कमाई का अरबों रुपए कश्मीर पर लुटाया जा रहा है तो उन कमीनों को लात मारकर बाहर क्यों नहीं करते जो पाकिस्तनी झंडे फहरा कर देशवासियों की भावनाओं और देश का अपमान कर रहे हैं। कश्मीर अभी भी देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा संघीय व्यवस्था में भारी है, चाहे वह कर वसूली हो या फिर विभिन्न कानूनों का समान रूप से लागू करना। बावजूद इसके विकास के लिए विशेष पैकेजों की बाढ़ लगातार उफान पर रहती है। कश्मीर में ईद के मुबारक मौके पर हुर्रियत के कमीनों ने जो किया उसने स्पष्ट कर दिया कि यह इंसान और मुसलमान कुछ भी होने के लायक नहीं हैं।अब जरा पाकिस्तान को देखें, खुद को इस्लाम के अलंबरदार कहने वाले यहां के राक्षसों ने एक नाबालिग हिन्दू लडक़ी को अगवा कर जबरदस्ती मुसलमान बना दिया गया, पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया, उल्टे समझा दिया कि इसका कोई लाभ नहीं क्योंकि इस रिपोर्ट को अदालत रद्द कर देगी। फिर भी हमारी सरकार इनके साथ प्यार की पींगे बढ़ा रही है। अमन की दुआएं करने के मौके पर इंसानियत को शर्मशार करने वाले क्या मुसलमान हो सकते हैं। पाकिस्तान इस्लामिक राष्ट्र के नाम पर एक कलंक है। इससे और इसके हिमायतियों से अमन और मोहब्बत की उम्मीद करना मूर्खता है।

2 comments:

  1. इससे और इसके हिमायतियों से अमन और मोहब्बत की उम्मीद करना मूर्खता है।

    saty wachan bandhu
    saty wachan

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  2. युवराज का दोस्त है , इसलिए दोनों घरों में खेल रहा है, कोई और सरकार होती तो वर्खास्त कर दी गई होती अब तक ! इस हरा,...दे ने इजाजत क्यों दी लाल चौक पर यह सब करने की यह जानते हुए भी की इनका मकसद क्या है ? देश गद्दारों से पटा पडा है ? नेहरु की मेहरबानी से सुरु हुआ यह विवाद इस क्षेत्र को इस नेहरु खानदान द्वारा ही देश से एक दिन अलग करवा degaa !

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